ट्रस्ट में महंत नृत्यगोपाल दास और चंपत राय भी हो सकते हैं शामिल, पहली बैठक के लिए दिल्ली बुलाया गया

ट्रस्ट में महंत नृत्यगोपाल दास और चंपत राय भी हो सकते हैं शामिल, पहली बैठक के लिए दिल्ली बुलाया गया


अयोध्या। श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की पहली औपचारिक बैठक बुधवार को दिल्ली में होगी। इसमें शामिल होने के लिए अयोध्या के तीनों ट्रस्टी महंत दिनेद्र दास, विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र और डॉ. अनिल मिश्र रवाना हो गए हैं। इसके अलावा महंत नृत्यगोपाल दास और विहिप नेता चंपत राय को भी ट्रस्ट की बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। संभावना जताई जा रही है कि बैठक के दौरान नृत्य गोपाल और विहिप नेता चंपत राय को ट्रस्ट में शामिल करने का प्रस्ताव पेश किया जा सकता है।


महंत दिनेद्र दास ने बताया कि ट्रस्ट के सभी सदस्यों को दिल्ली पहुंचने को कहा गया है। बुधवार को दो बजे के बाद बैठक होनी है। लेकिन स्थान के बारे में किसी को कुछ जानकारी नहीं दी गई है। बैठक के लिए सबने अपनी तरफ से सुझाव प्रस्तुत करने के लिए सूची तैयार कर रखी है। सूत्रों ने बताया कि मंदिर निर्माण के लिए गठित ट्रस्ट की पहली बैठक राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पते आर-20, ग्रेटर कैलाश पार्ट-1 में हो सकती है। यह वरिष्ठ वकील के. परासरण का घर है। हालांकि, बैठक होने या कहां होनी है इस संबंध में आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं दी गई है।



निर्माण शुरू करने की तारीख पर चर्चा: शंकराचार्य वासुदेवानंद
शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती भी मंगलवार को अयोध्या पहुंचे। उन्होंने अलग से महंत नृत्यगोपाल दास व दिगम्बर अखाड़ा के महंत सुरेश दास से मुलाकात कर मंदिर निर्माण को लेकर मंत्रणा की थी। उन्होंने बताया कि महंत नृत्यगोपाल दास को ट्रस्ट में शामिल करने की पूरी कोशिश करेंगे। वे शुरू से ही मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे हैं। साथ ही उन्हीं के मठ से मंदिर आंदोलन का संचालन होता था। संभावना है कि महंत नृत्यगोपाल दास और चंपतराय को ट्रस्ट में शामिल करने के लिए बैठक में प्रस्ताव रखा जाए। शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती के मुताबिक ट्रस्ट की पहली बैठक में इसके गठन के साथ मंदिर निर्माण शुरू करने की तारीख तय करने पर चर्चा होगी।


संतों की नाराजगी दूर करने की कोशिश
इससे पहले महंत नृत्यगोपालदास का नाम ट्रस्ट में शामिल नहीं होने पर अयोध्या के संतों ने नाराजगी दिखाई थी। साथ ही, संतों ने आंदोलन शुरू करने की चेतावनी भी दी थी। इसके बाद केंद्रीय, गृहमंत्री अमित शाह ने महंत नृत्यगोपाल दास से वार्ता करके आश्वासन दिया कि उनको ट्रस्ट में शामिल किया जाएगा। सरकार का पक्ष यह रखा गया कि उन पर ढ़ांचा विध्वंस के मामले में केस चल रहा है। इसको लेकर मंदिर विरोधी तत्व कोर्ट जा कर ट्रस्ट के गठन में अड़चन पैदा कर सकते हैं। अब तर्क दिया जा रहा है कि ट्रस्ट अब स्वतंत्र संस्था है इसका बोर्ड आफ ट्रस्टी उनके शामिल करने का फैसला ले सकता है।


वहीं निर्मोही अखाड़ा के महंत एवं ट्रस्ट के ट्रस्टी दिनेंद्रदास ने बताया कि उनके अखाड़ा के पंचों की मांग है कि अखाड़े के 6 पंचों को ट्रस्ट में जगह दी जाए। यह मांग वो बैठक में रखेंगे। पर यह दबाव बनाने के लिए नहीं बल्कि अनुरोध के तौर पर बैठक में रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट के सभी सदस्य एकमत हैं। आपस में कोई विवाद नहीं है।सभी की इच्छा है राम मंदिर का निर्माण जल्द शुरू हो।


पीएम मोदी ने 'श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' के गठन का ऐलान किया था
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच फरवरी को लोकसभा में ट्रस्ट के गठन का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए एक स्वायत्त ट्रस्ट का गठन कर दिया गया है। उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार एक स्वायत्त ट्रस्ट 'श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' के गठन का प्रस्ताव पारित किया गया है। ये ट्रस्ट अयोध्या में भगवान श्रीराम की जन्मस्थली पर भव्य और दिव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण और उससे संबंधित विषयों पर निर्णय लेने के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र होगा।